अहमदाबाद न्यूज डेस्क: अहमदाबाद एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे में मारे गए पायलट सुमीत सभरवाल के पिता पुष्कराज सभरवाल ने अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने हादसे की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें “पारदर्शिता और निष्पक्षता की भारी कमी” है। पुष्कराज ने मांग की है कि इस दुर्घटना की जांच किसी अदालत की निगरानी में गठित “कोर्ट ऑफ इंक्वायरी” या स्वतंत्र समिति से कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके। इस भीषण हादसे में 260 लोगों की मौत हुई थी।
10 अक्टूबर को इंडियन पायलट्स फेडरेशन (FIP) के साथ मिलकर दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने जल्दबाजी में पायलट की गलती को मुख्य कारण बता दिया, जिससे जांच की विश्वसनीयता और निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, शुरुआती रिपोर्ट में इंजन की थ्रस्ट लॉस को ईंधन कंट्रोल स्विच के “कटऑफ” मोड में जाने से जोड़ा गया, लेकिन विमान की डिजाइन या तकनीकी खामियों की जांच नहीं की गई। उन्होंने कहा कि पायलटों पर दोष मढ़ने से जांच की स्वतंत्रता और अखंडता प्रभावित हुई है।
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने भी जुलाई में इस प्रारंभिक रिपोर्ट को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि रिपोर्ट जल्दबाजी में और दबाव में तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि कैप्टन सुमीत सभरवाल के पास 15,000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था, ऐसे में उन्हें दोषी ठहराना उचित नहीं। पुष्कराज सभरवाल ने पहले भी नागरिक उड्डयन सचिव और एएआईबी के महानिदेशक को पत्र लिखकर औपचारिक न्यायिक जांच की मांग की थी।
एएआईबी की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, विमान के दोनों इंजनों की फ्यूल सप्लाई एक सेकंड के अंतर में बंद हो गई थी, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हुई। वॉयस रिकॉर्डिंग में पायलटों की बातचीत भी इस ओर इशारा करती है। हालांकि, एएआईबी ने कहा था कि यह केवल प्रारंभिक रिपोर्ट है और अंतिम जांच में असली कारण स्पष्ट होंगे। अब पायलट के परिवार की याचिका से इस मामले में नए मोड़ की संभावना बन गई है।